धार्मिक सद्भाव और एकता भारत की पहचान
धार्मिक सद्भाव और एकता भारत की पहचान मोहम्मद राशिद खान भारत एक ऐसा देश है जहां सदियों से विभिन्न धर्मों के लोग रहे हैं। भारत विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच अपनी एकता और सद्भाव के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। ऐसा नहीं है कि इस एकता और सद्भाव को भंग करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, लेकिन ऐसा प्रयास करने वालों को हमेशा असफल ही हाना पड़ा। प्रसिद्ध विद्वान मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने इस संबंध में बहुत यथार्थवादी विश्लेषण किया है। वह एक जगह लिखते हैं कि जब भारत में ब्रिटिश शासन से आजादी की लड़ाई शुरू हुई तो इस संघर्ष में मुस्लिम और हिन्दू सभी समुदायों ने मिलकर हिस्सा लिया। हालाँकि अंग्रेजों की साजिशों के कारण स्थिति कभी-कभी बिगड जाती थी और हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क जाते थे। यह एक बड़ी त्रासदी थी। प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद ने तो हिंदू-मुस्लिम एकता को स्वतंत्रता पर प्राथमिकता दी। लेकिन ऐसे देशभक्त लोगों की बात लागों ने नहीं सुनी और कुछ भावुक नेताओं ने देश को दो टुकड़ों में बांट दिया। हिंदू-मुस्लिम एकता को भी नुकसान पहुंचाया जाने लगा, इंसानों का खून इतना ...